#HNY नया साल

Analyser/Observer

कल की रात मे भी था 
आज का प्यार 
एक चादर ओढे कालिमा भी 
कर रही थी सुबह का इन्तजार 
महसूस कर पा रहे होंगे आप भी 
जज्बातो मे नया वेग 
सर्द हवाओ के झोंके भी 
देख रहे होंगे आपका तेज 
आज सुबह आंख को मेरी भी 
चिडियो की आवाज ने खोला 
दिल तक मानो कोई तरंग ऐसे पहुँची 
जेसे किसी ने मन मे मिठास को घोला 
पल-पल मिलकर बनते हे दिन 
और दिनो मे पलती हमारी उम्मीदे 
और उम्मीदो मे ढूँढते हम 
अपने भविष्य का उजियारा 
उजियारे की खोज तो सतत होनी भी चाहिये 
हमे निरंतर प्रयास को अपने प्रबल करना भी होगा 
पर प्रशन अब भी शायद मन मे कोई हे दबा 
क्या मै आज मे खुश नही हुँ 
हुँ तो अच्छा है 
नही हुँ तो होना होगा 
जीवन बनता हे प्रेम से 
और प्रेम ही फैलाता रोशनी 
तो खुल कर प्यार फैलाओ यारो 
गिले - शिकवे मिटाओ यारो 
अपनो से जुडाव बढाओ यारो 
कुछ नये अपने बनाओ यारो 
दिल से नया साल मनाओ यारो |

#नये_साल_की_सुभकामनाये

#नव_वर्ष_आपके_जीवन_मे_खुशिया_लेकर_आये

#Happy_New_Year

#HNY 

©AshokBamniya

Happy New Year



नौकरी

Analyser/Observer

धदक रहे अँगारे दिल मे
मोहब्ब्त मे तेरी 
ये हाल तो मेरा ना होना था |

जब पहली बार देखा था तुझे 
चमकीले परिधानो मे लिपटी 
तु मुझे मेरे ख्वाबो कि परी सी नजर आयी |

तुझे देख सोच जो मेरी 
अब तलक ठहरी थी 
तेरी ओर से बहती हवा का 
सम्पर्क पा तेरी ओर ही चल पडी |

तुम्हारे उस आकर्षक अहसास ने 
हजारो सपने मेरी आँखो मे पाल लिये |
मै तुम्हारी धुन मे खोकर बेसुध सा हो गया  |

मैने कि जो तुमसे मोहब्ब्त 
पूरी सिद्दत से निभायी भी |
तुमसे मिलने को 
तुम्हारे साथ जीवन बसर करने को
हर तरकिब अपनायी भी |

पता नही मुझे 
फिर कहा कमी रह गयी |
अपना सब कुछ तो मै लुटा बैठा 
फिर भी तुमसे दूरी है |
ऐसी भी क्या तुम्हारी मजबूरी है |

चाहत हो तुम मेरी 
मेरी ओर चली आओ 
समेट लेना चाहता हू तुम्हे बाँहो मे अपनी 
तुम मुझे अपनी ओर तो बुलाओ |

मै कब का मर चुका

Analyser/Observer

जिन्दगी जब आपकी तमाम खुशीयाँ छिनने पर आ जाये 
जब आपकी आँखे आँसुओ की जगह लहू उगलने लगे 
सुविचार और कुविचार की जंग दिमाग मे चलने लगे 
सद्भावनाये आहत हो अन्दर ही मरने लगे 
होंठो पर एक प्रशन छोडती मुस्कान आने लगे 
भरी जवानी मे चेहरे पर बुढापा छाने लगे 
आप दुआ मे खुद की मौत माँगो 
ओर लबो पर आपके मुस्कान आने लगे 
जब अपने ही चेहरे छुपाने लगे 
खुद को नकाब ओढाने लगे 
जब गैर पर्दा हटाने लगे 
सूरज की चमक आपको दिखाने लगे 
वो परिंदे नादान नही जिनके पंख उग आने लगे 
नादान तो आप है जो उनको ऊँची उडान का सपना दिखाने लगे 
उनसे अब भी क्या आस लगा ये बैठे हो 
घाव अभी तक भरे नही है उनके दिये 
झांक कर देख लो अपनी ही जेब मे 
मरहम जो अब तक छुपाये बैठे हो 
मौत मासूम है 
तुम पर तरस खा जायेगी 
क्यो अब बुला रहे हो उसको 
वो बुलाने से भी ना आयेगी 
हे जिन्दगी जानलेवा 
पल पल तुम्हे खायेगी 
इतना आसान नही है इससे बच पाना 
ज़िल्ल्त क्या होती है 
इसका अहसास तुम्हे करायेगी |

हे राम



दाता तु ही 
तु ही पालनहारा |

हे राम हे राम हे राम हे राम

विपत्ति मे मैने तुझको पुकारा |

हे राम हे राम हे राम हे राम 

तुने ही सारा संसार रचया 
तेरे ही बल से चलती ये काया |

हे राम हे राम हे राम हे राम 

भारीत मन पर कर उपकार 
संकट हर प्रभु दे उपहार 
जग मे प्रभु तेरा नाम ही सच्चा 
तु ही नियामक सबसे अच्छा |

हे राम हे राम हे राम हे राम 

जब भी मैने तुझको है पुकारा 
तु ही बना प्रभु मेरा सहारा |

हे राम हे राम हे राम हे राम 

वचन मेरे प्रभु तुने ही पार लगाये 
दुख की घडी बीती 
सुख के दिन आये 
किया ना प्रभु तुने
कभी मुझसे किनारा 
तुने ही बनाया प्रभु भाग्य हमारा |

हे राम हे राम हे राम हे राम |

विरक्ति

Analyser/Observer

कर गयी तुम उर को मेरे रिक्त
मन हो उठा मेरा अब विरक्त
होंठो की लाली भी छूट गयी
जब से हर्दयप्रिया तुम रुठ गयी |

अरमान अहसासो के पल भर मे ही तोड गयी
आधे ही सफर मे मुझे अकेला छोड गयी |

कसमे वादे सबको बेसहारा छोड गयी 
महबूबा मेरी तुम मुझसे ही मुँह मोड गयी |

मन अब तुम्हारे अहसास से दुख पाता है 
नींद मे तुम्हारा चेहरा भी डराता है |

अबोध अपना आपा अब खोता है 
कही भाग जाने को दिल अब ये होता है |

अपनायी तुमने कैसी ये सख्ती 
तन्हा अकेला छोड चली तुम 
रह गयी मुझ संग 
बस अब विरक्ति |

बाँधी तुमने अपनी आंखो पर तिरस्कार की पट्टी 
मुझ मे विचरती अब तेरी विरक्ति |

नासमझ

मै खुद को समझता था 
समझदार बडा 

हर किसी के विरोध मे 
मै हो जाता था खडा 

बातो को अपनी 
सत्य ही मै जानता 
बाकी कोई कुछ भी बोले 
सब को गलत ही मानता |

अपनी जीत से मै 
हर किसी पर हावी था 
सच्चे लोगो का बयान भी 
मुझ पर अप्रभावी था | 

बोली मे अपनी 
धौंस मै रखता था 
आँखो मै अपनी 
रोस मै रखता था |

सकल काम मेरे 
कोई ओर ही बनाता था 
बात खुद पर आये तो 
आक्रोश मै रखता था |

किसी ओर का दिया 
खा रहा था 
दाँतो तले ऊँगुली 
दबा रहा था |

#नासमझ खुद के 
गीत गा रहा था |

#नासमझ खुद ही पर 
मुस्कुरा रहा था |

#नासमझ अकेला ही 
चला जा रहा था |

©Ashok Bamniya

सेठजी-एक मीठा ठग

ईट , पत्थर ,रेत ,सीमेंट लाया 
इन्हे मिलाकर किला बनाया 
दीवारे रंगो से सँजायी 
इन्हे देख लोगो कि आँखे चौंधियायी |

रूप्या पैसा इतना दिखाया 
लोगो के बीच नाम कमाया 
लोग करने लगे हमरी बडाई 
हमहु बन गये सेठजी भाई |

लाल टीका माथे पर लगाया 
मुँह मे मीठा पान दबाया 
गुड की घर से कर दी  विदाई 
बाजार से शक्कर कि बोरी उठवायी |

मावा खुद ही हम खावे भाई 
जग मे बाँटे खूब झुटाई |

गरीब संग फोटो खिचवाये 
तब्हू ना हम सेल्फी किंग कहलवाये 
दिखावे का हाथ बढावे भाई 
पीठ पर लट्ठ चलावे भाई |

माल खुद ही हम दबावे भाई 
हमहु बन गये सेठजी भाई |

कुछ पुरानी बाते

#01 
ऐ मेरी आरजू-ए-दिल 
तुझे याद कर 
मै बहुत रोया |

#02
अब सूख गये
आँखो के आँसू 
अब दिल भी 
थोडा बरबाद होने चला है |

#03
इक़्त्फाक आइने बदल देता है 
चेहरा देखने के |

#04
हिम्मत तो देखो मेरी 
मैने अपना सिर उठा लिया | 

#05
ऐ प्यार तेरे इरादे 
मुझे पाक तो नही लगते |

#06
बेपरवाह मोह्ब्बत 
रोज तेरे आयाम नये है | 

#07
कोई तो मेरी चाहत को मुस्कान दे जाओ 
कि वो उखडी-2 अच्छी नही लगती | 

#08
वफा गुमनाम अँधेरो की 
मेरे दर पर आहट तो कर जा कभी-2 |

ये कैसा भाईचारा

रोज चीखते हो 
कोई कुछ नही कर रहा यहा 
जरा ठहरो 
खुद ही से पूछो 
तुमने अब तक ऐसा क्या किया |

तुमने अपने भतीजे को नौकरी लगवाया 
अपनी ही फैक्टरी मे उसको काम दिलवाया 
किसी और का टिकट कटवाया 
तब जाकर कही उसका नम्बर आया |

काबिल ना देखा तुमने 
तुमने देखा तुम्हारा वफादार 
जो भरे तुम्हारी 
हुँकार मे हुँकार |

चाचा के दम पर 
आज देखो छोरा ऊँचल रहा 
गली गली 
हर गली मे वो पसर रहा |

रो तो वो रहा है 
जिसके मुँह की तुमने खायी 
क्या करे खुदा भी 
तुमने उसकी ऐसी किस्मत बनायी |

बँटवारे का जहर 
तुम ही घोल रहे हो 
अब चीख चीखकर व्यथा अपनी 
तुम कैसे बोल रहे हो |

एक तुम्हारा सगा 
दूसरे को तुमने पराया कर दिया 
लालच मे अपने तुमने 
ये कैसा भाईचारा कर दिया |

बेबस तुम्हारे कर्मो से 
अब देश हो रहा है 
बडा सुनहरा था जिसका सपना 
आज वो खो रहा है |

©Ashok Bamniya


समझ

दिन धुआ हो गये 
राते भी काली है 
उम्मीदे मेरे घर को चली आयी 
पर मेरी जेब तो खाली है |

माँगकर सब तरफ देख लिया 
सबकी आंखे एक सवाली है 
क्या नही था तेरे पास 
जो तेरी जेब आज खाली है |

समर्थन सुख मे सब गवाया 
खुद ही लिखा 
खुद ही मिटाया |

बहकावे ने आज से बेहतर 
कल को बताया
वो हुए मालामाल 
मै खाली हाथ घर को आया |

बात अब करता हु 
जब गले तक आयी हे 
बहकावे ने अपनी लंका डुबायी है |

पर्दे पर जो दिख रहा 
तुम उसे ना मानना 
जो अन्दर से सच्चा हो 
उसे तुम जानना |

©Ashok Bamniya

बदलाव

ये लाल कैसे हो गया 
गुलाल तो डाला नही 
गुलाल कैसे हो गया 

आहट कोई हुई नही 
तुम दर से मेरे कब गये 
प्यार तो बढा नही 
मुस्किले हुई खडी
मुस्किले हुई खडी |

माना दिल मे तेरे 
मोह्ब्बत का आगाज ना था 
मैने भी तुमसे कभी 
माँगा ताज ना था |

किले खुशहाली के 
हवाओ से ढह गये 
आयी जो बरसात तो 
पहाड भी बह गये 
पहाड भी बह गये |

सूरते जनाब से 
हाल हमको दिख गया 
आइने सा साफ रंग 
लाल अब से हो गया |

#पुकार_दिल_की

खैर कोई बात नही जो साथ तेरा छुट गया धागा वफाओ का था जो कुछ बातो से ही टूट गया कल तक जो मेरा अपना था आज मुझसे ही रुठ गया खैर कोई बात नही जो तेरा साथ छूट गया |मोहब्बत मे तेरी तेरा इंतजार करूँगा अकेले ही सही तेरी याद मे मै ठंडी आह भरुंगा चाहत को अपनी फिर से पाने की खुदा से दुआ करूँगा |तन्हा अकेले बे-मन चलूँगा तडप को अपनी सीने मे दबा मुस्कुराकर चलूँगा ज़ज़्बात अपने दबा कर चलूँगा कोई पूछेगा दर्द मेरा उसकादिल बहला कर चलूँगा |तुम लौट आओगी इक दिन खुद मे मै ज़िद ये भरुन्गा किसी और का ना बनूँगा |तेरा ही हु मै तेराही रहूँगा |#पुकार_दिल_की ©Ashok Bamniya

दिवाली रा राम - राम

दिवाली रा राम - राम 
थे करजो जग मे अच्छा काम 
वेजो जग मे थारो नाम 
सुख - समद्धि थाके घर आजो 
बालका संग थे खिल - खिलाजो 
बुड्ढो रे आंखा रा तारा बन जाजो 
थाके घर ने रोशन कर जाजो 
लाडू  बर्फी थे खाजो 
ऊँचो वेजो थारो काम 

दिवाली रा राम - राम|

दीपावली

बजे पटाखे
जली फुलझडी
काली रात पर भी
चढ गयी चमक
दीप जलाये 
थाल सजाये 
घर आँगन मे
फैल गया
खुशियो का रंग 
तन दमका 
मन चमका 
नैनो मे दौडी तरंग 
नये नाचे 
पुराने गाये 
फिजा मे भी आज
फैली सुगंध 
बच्चे बुढो को 
दिल से गले लगाये 
मिठाई बाँटे
मिलकर मुस्कुराये

आओ सब मिलकर
दीप जलाये
दीपावली मनाये |



बेरोजगार

आंखो मे भी  कुछ आस रहती
नये सपने  मै भी संजोता
बोली मे भी  मिठास रहती
बालपने की  हद तक जाता 
जीवन मे भी  साँस रहती 
काश की उम्मीद आबाद रहती |



कलम उठाते  ही भर आयी आंखे

घडा भर पीता फिर भी प्यास रहती |



नाकाबिलो  को काबिल

हमने बनाया 
ऊंचा उठाकर  कुर्सी पर बिठाया 
किस्मत बदलने की
इनसे आस लगाई
हर बार की  तरह
उम्मीदे इस बार भी खाली हाथ आयी |



काश की उम्मीद आबाद रहती |

©Ashok Bamniya

अर्जी

गुनहगार हु तेरा 
 सजा दे - दे 
बाद तेरे जीने की मुझको
कोई तो वजह दे - दे 
चाहते अपनी सारी मै 
खोलकर सामने रख  दूँगा
तु आने की अपने दिल मे 
फिर से मुझको रजा दे - दे
तडप क्या होती है 
मोहब्बत से बिछडने की 
जान गया हु मै 
तु फिर से अपनी बाहो कि 
मुझको पनाह दे - दे 
कबूल सारे गुनाह मेरे 
आज मुझ पर ही भारी है 
तु अपनी शानो - शौकत की
मुझ पर थोडी सी निगाह दे - दे |

अर्जी 

My Love LOGO

I never had a thought of this special moment which is haapened to me so accienditely. A few day ago i was passing my days and nights on social media and hardly seaching for my meaning of life. I have no hope for what god already planned for me is so beautiful than what i hope for. My eyes figure out each and every meaningful hidden desire around and i am working in so many areas that i can not have time for myself. But my all  work is killing by itself that its not able to occupy my wallet with atleast my living. I am so depressed that i am fade up with myself.

              A few days passes, one day in the afternoon i was watching randomly choosen video on my mobile phone for more than two hours and getting very tired that my body feels very sleepy. I put my mobile on vibrate mode and go to sleep in the same position as i was playing media. Suddenly my mobile vibrates loudly that awaken me and put my mood off. Tiredly i take my mobile in my hand and see for what the problem is. It was a message , ohh my god . It is from a very reputed MNC in which i given my interview two months ago. The message directed me that i had to join at the mentioned office within a week.
                                                  My Love Logo
                                          I am so happy that my eyes feels with the water of love and passion. My sleep was gone away and i am busy myself in packing my luggage. I go to city bus station in the evening and book a window seat. My journey to my living is yet to start and it is mentioned at 8 PM on my ticket. My feelings are so abandoned that they take me to the nearest pan corner to pass the time in between the journey. I smoke two cigarettes and returned to bus station. I occupy my seat and my journey to my destination begins. Early in the morning at 4 o'clork i reached at the my destination city bus station. I take a room on rent in a guest house near the bus station. At 8 AM after having breakfast i move to my office. The office manager and staff welcome me strongly and we have some sweets and tea. After completing all the necessary documentation , my manager allotted me a flat. After completing all my day in office , i come to my flat with a bonus welcome check of rupees 10,000
http://ashokbamniya.blogspot.com 
                                                          In the evening i go to the market and purchase some food stuff at that time a feeling of celeration come into my mind and i move my foot towards the wine shop. I purchased a half bottle wisky and a pack of ice cubes together with a bottle of water. I returned to my respective place , after refreshing myself i take my seat on sofa and start enjoying myself with a first full filled Patiyala Peg. with each sip of wisky my thoughts shifted towards some other very important points of my life. Its all about my love life.
                                    My Love Logo
                                               I take my mobile in my hand and start searching for my one side love on facebook. Very soon facebook gives me a search image of very shining princess of my dreams. i spent more than half an hour on just seeing my love and lost myself in love wind. After another two pegs i generate a courage to send her a friend request. It is my first prosal to her and it will decide my ways what to do next?. As i have to join my office , i get rid over my emotions and go to bed after having very short session. All night in my dreams i feel my love is with me , it is usually happen to everyone when someone has a true feel of love , fully concentrated with the glass of wine. 
                                    My eyes are open with the first ring of my phone alarm . I go to make up and have my tea and breakfast within a hour and move for my office. I spent my whole day very happily as the manager and staff is very nice. In the evening i come to my flat from office and try to collect all the work i done last night and remembered my facebook search. Afraidly i switch on my mobile data and go to my facebook page. Oh God its a mircle my lady accepted my friend request , my heart start pumpimg blood very fastly , i click on her photos and like and comment all her photos with looking so beautiful , lovely , nice , cute and many more and send her "Hi" through facebook message.

Our talks increasing day by day and now i have her direct contact number also. Now my life is running so smoothly , God gives all things i ever desired for. "Thank you God".

#Never_feels_you_alone_Positive_Powers_of_Nature_always surrounds you.



बात दिल की

सच जो आप दिल मे दबाये बैठे हो
सच जो आप लोगो से छुपाये बैठे हो
सच जो आपका झगडा है
उसी ने तो आज आपका गिरेबान पकडा है
क्या लगा था आपको
अँधेरे मे कोई आपको देख ना पायेगा
ज़रा-सा आसमान मे चाँद क्या निकला
पता नही था आपको
आपका राज ही खुल जायेगा
आप जो देखकर हमे मुस्कुरा बैठे हो
जेब मे आपके
हमारे ही पैसे दबा बैठे हो
काम तो फिर भी नही करना आपको
पर ये कोनसा नाटक है
जो आप रचा बैठे हो |
©Ashok Bamniya


मेहनत

ना हो परेशान 
ऐ नादान 
अकेले आराम से 
कट जायेगी ज़िन्दगी 
मान वक़्त का 
अहसान 
खुद को 
तु कर कुर्बान 
राह ना चुनना 
तु कोई आसान 
कर जतन 
कर प्रयत्न 
रंग लायेगी 
तेरी मेहनत 
तुझे भी
एक दिन 
मिल जायेगी ज़िन्दगी | 

तितलिया Girls Power

एक सुन्दर बाग को
सजाने आयी तितलिया
नयी कलियो को
उपवन मे
खिलाने आयी तितलिया
नव पुष्पो से बाग को
महकाने आयी तितलिया
भंवरो को अपने स्वर से
बुलाने आयी तितलिया
माली की किस्मत 
चमकाने आयी तितलिया
माली ने देखा
बाग मे तितलियो को उडते
कुछ फुलो पर बैठती
कुछ उड जाती
कुछ बाग के अन्दर आती
कुछ बाहर को चली जाती
माली का मन
तितलियो पर मोह गया
और
माली हिंसा करने पर
उतारू हो गया 
माली ने अपनी आंखो पर
लालच की माटी लगाई
और कर दी तितलियो के
पंखो की छटाई
सोचा उसने उसकी ये
करतुत असर कर जायेगी
पर ये ना सोच पाया ये 
नादान तदपकर मर जायेगी
देख इनका अंजाम
फिर उपवन को सजाने
नयी तितलिया ना आयेगी |

#तुम बोलो बेखोफ होकर

नेता

लाखो के ढेर पर
नाच करना
अब शौक तुम्हारा
हो गया



भूल गया तु

जनता को अपनी
तु अपनो का
सहारा हो गया



भूल गया तु

हमने ही तुझको
अपनी सर आंखो
पर बिठाया था



वक़्त तेरा क्या बदला

जालीम
तु तो
दुश्मन हमारा ही हो गया |

मजबूरिया


बजाय इसके की तुम खुद आओ
किसी और को भेज देना
पैगाम लिये
तुम्हारे किसी और के होने का
तुम्हारी रुस्वाइ का
तुम्हारी विदाई का
खुद को रोक लेना
आने से
मुझको बुलाने

तुम सैलाब मेरी आंखो का देख ना पाओगी 
मेरी ये साँसे तुम्हे रोक लेगी 
जाने से

किसी और को अपनाने से
समेट लेगी तुम्हे खुद मे ही
तुम खुद को जुदा ना कर पाओगी
तुम मत आना मेरे मुकाम पर
ये मुकाम अब उस मुकाम पर पहुच चुका
कि अब इसके बाद ये बदलेगा नही

मै भी अब मान चुका
कि अब तुम फिर ना आओगी
दीये जो जला रखे थे सारे घर के
वो मेने अब बुझा दिये है
अब अन्धेरो को अपना लिया है 
हा जानता हु
ये जमाना , ये हवा 
ये आबरू
बन गयी है जंजीर तुम्हारे पाँवो की 
सब के साथ होता है 
हम कोनसे नये है 
खुली हवा मे साँस लेने को
उडना पड़ता है
अपने पंख फेलाने पडते है
अपनी भी ज़िदे  कुछ पालनी पडती है 

हा पता है मुझे 
ये मजबूत बेडिया 
दुस्मन बनी बैठी है
सब इन पर ही तो नही थोप सकते  ना
कुछ कोशिशे तो अपनी भी अधुरी है 
मेने जतन सारे कर लिये तुम्हे मनाने के
बस अब इतनी सी गुजारिश हे तुमसे
बजाय इसके की तुम खुद आओ 
किसी और को भेज देना
पैगाम तुम्हारी मुझसे रिहाई का लिये |

समय

ज़िन्दगी जब तुझसे मिलूँगा 
तब बेइंताह मोहब्बत करूँगा तुझसे 
अभी खुद मे व्यस्त हु थोडा सा
अभी ज़िम्मेदारिया मेरी कुछ नही
पर ज़िम्मेदरियो का बोझ ओढे खडा हु मै
वक्त हावी हे अभी मुझ पर 
मेरे पैरो तले जमीन खिसक गयी 
अभी तो मुझे घर मे अपने चुल्हा जलाना है
रोटी सेकने के लिये तवा खरीदना है
अपनो को खिलाना है
फिर खुद खाना है
अपने वजूद का सहारा धुन्ढ रहा हु मै
ज़ज़्बात कही अपने दिल  मे दबाये बैठा हु
समन्दर मे खडा किनारा धुन्ढ रहा हु मै
हे  यहा हमसफ़र मेरा कोई नही
किसी नजर का इशारा धुन्ढ रहा हु मै
खुद से प्रशन है खुद को  बचाने का
बुढापे का अपने सहारा  धुन्ढ रहा हु मै
ज़िन्दगी जब तुझसे मिलूँगा 
तब बेइंताह मोहब्बत करूँगा तुझसे|

पद

लोग अपनी जिद मे जल गये
जो आज यहा नही है
वो कल गये
करते थे घमंड
अपनी बाजुओ केबल का
तन, मन , धन
उनका सब गया
करते थे बाते
पाषानो से पानी निकालने की
जितना आंख मे
पानी था उनके
वो सब गया
सपने भी टूटे
अपने भी रूठे
बंगला उनका 
अब भी सलामत है
पर उनका घर गया
ललचायी आंखो से ताकना
भूखे भेडियो सा भाकना
सब को चूहे समझ
खुद को बिल्ली आंकना
सब धरा का धरा रह गया
जब उनका वो पद गया |

सच क्या है

सच क्या हैं
मेरा बचपना ही तो है।
वो छोटी सी मेज पर चढकर
खिडकी से बाहर झाँकना
वो किसी के आने की
आहट को ताकना।
गाँव का वो स्कूल
कक्षा मे बैठे
घण्टी बजने की बाट जोहना।
अपनी गली मे
कनचो की खूब बाजियाँ खेली मैंने
कही नये पुराने काँच के टुकडों को अपना बनाया
अपने कनचें पर मार खा
हाथ की कोहनियाँ भी खूब घीसी
ये भी एक सच ही तो हैं।
जवानी की दहलीज पर कदम रख
दिल टुटने पर बहुत रोया
भूल गया था
यहाँ तक आते आते
बचपन के अपने प्यार को
उसे भी तो रूलाया खूब था
खैर छोडो दुसरे की आँखो का पानी
कहा देखा जाता है।
ये तो परम सत्य हे
इस दुनिया का।
इससे आगे चला तो
मुझे मेरी उम्र का वो पडाव भी याद आया
जब माँ-बाप मेरे बुढ़े हो चुके थे
उनके धन का हिस्सा हमे मिल चुका था
वो हम सबके यहाँ मेहमान बने जा रहे थे
और हम उनसे पीछा छुडाना चाह रहे थे।
हाँ ये भी सच हैं
मेने यहाँ तो अपनो को भी नही छोडा
जीवन के सफर मे हर मोड पर
इन्सान बनने की
पुरे दिल से कोषिष की
पर क्या करे इन्सान की आजकल
फितरत ही कुछ ऐसी है।

ये भी एक सच हैं।


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Truth of Love

Analyser/Observer Love the one, who love the one.