Observe human life aspects. Life philosopher. A poet. Writer And mathematics lover. जिन्दगी , मेरी जान और तुम से बढकर कोई हसरत नही मेरी| आप का आपसे सँवाद हे जिन्दगी | बात दिल की आँखो से बया कर , लफ्जो से शिकायत ना कर | जमाना सारा तेरी मोहब्बत मे तेरा अखबार हो गया | Creator -© Ashok Bamniya
Happiness☺✨
Analyser/Observer
Before and after the truth, I am the happiest person in the world only when surroundings of my brain get reduced in highly timid light I can find myself deep asleep when I am all alone.
©Ashok_Bamniya
शायद कल कुछ अच्छा होता
Analyser/Observer
कुछ जरूरतें है इस जिंदगी की
जो शायद पूरी होती तो
शायद कल कुछ अच्छा होता
यहां अभी कोई कहां रो रहा है
देखो इन गलियों से
मकानों से
कोई आवाज भी तो नहीं आ रही
मगर अगर कोई मुस्कुराता
खिलकर ठहाके लगाता
तो शायद कल कुछ अच्छा होता
मजबूत रस्सिया भी अच्छी है
अगर ना होती है जंजीरे भी तो
शायद कल कुछ अच्छा होता
कमाया कुछ नहीं अभी तक मैंने
जो भी मेरा जमा था
वह सब तो तुमने ले लिया
इसके बाद भी अगर तुम रुक जाते तों
शायद कल कुछ अच्छा होता
अपनी ही जमीन पर अजनबी बने बैठे हैं
अगर होता कोई जानकार तो
शायद कल कुछ अच्छा होता
मेहरबानी इतनी रही तुम्हारी मुझ पर
सांसे भी मेरी
तुम्हारी उधार है
अगर होता नहीं कोई बंधन अपनेपन का
तो शायद कल कुछ अच्छा होता |
Life Lesson

Analyser/ObserverIn order of acquiring experiences certain we get, certain left and certain we lost.
©Ashok_Bamniya
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