#01
ऐ मेरी आरजू-ए-दिल
तुझे याद कर
मै बहुत रोया |
#02
अब सूख गये
आँखो के आँसू
अब दिल भी
थोडा बरबाद होने चला है |
#03
इक़्त्फाक आइने बदल देता है
चेहरा देखने के |
#04
हिम्मत तो देखो मेरी
मैने अपना सिर उठा लिया |
#05
ऐ प्यार तेरे इरादे
मुझे पाक तो नही लगते |
#06
बेपरवाह मोह्ब्बत
रोज तेरे आयाम नये है |
#07
कोई तो मेरी चाहत को मुस्कान दे जाओ
कि वो उखडी-2 अच्छी नही लगती |
#08
वफा गुमनाम अँधेरो की
मेरे दर पर आहट तो कर जा कभी-2 |
बढ़िया
ReplyDeleteधन्यवाद सर
Deleteज़िन्दगी गुज़रती रहती है संजीदा एहसासों से होकर .. .सुंदर सृजन .. शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteसही कहा आपने .. धन्यवाद सर
Deleteपुरानी बातें...लेकिन जीवंत स्मृति।
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत लिखा है आपने, आपकी पंक्तियाँ कुछ महसूस कराती है।
"...
इक़्त्फाक आइने बदल देता है
चेहरा देखने के |
हिम्मत तो देखो मेरी
मैने अपना सिर उठा लिया
..."
बहुत सुन्दर प्रतिक्रिया श्रीमान .. धन्यवाद दिल से
Deleteइक़्त्फाक आइने बदल देता है
ReplyDeleteचेहरा देखने के |
लाजवाब
thank you KAUSHAL SHUKLA JI...BE WITH US
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