एक सुन्दर बाग को
सजाने आयी तितलिया
नयी कलियो को
उपवन मे
खिलाने आयी तितलिया
नव पुष्पो से बाग को
महकाने आयी तितलिया
भंवरो को अपने स्वर से
बुलाने आयी तितलिया
माली की किस्मत
चमकाने आयी तितलिया
माली ने देखा
बाग मे तितलियो को उडते
कुछ फुलो पर बैठती
कुछ उड जाती
कुछ बाग के अन्दर आती
कुछ बाहर को चली जाती
माली का मन
तितलियो पर मोह गया
और
माली हिंसा करने पर
उतारू हो गया
माली ने अपनी आंखो पर
लालच की माटी लगाई
और कर दी तितलियो के
पंखो की छटाई
सोचा उसने उसकी ये
करतुत असर कर जायेगी
पर ये ना सोच पाया ये
नादान तदपकर मर जायेगी
देख इनका अंजाम
फिर उपवन को सजाने
नयी तितलिया ना आयेगी |
#तुम बोलो बेखोफ होकर
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