आओ जीमने
आज एक नजदीकी मित्र ने बुलाया मुझे जीमने
वो भी सहपरिवार।
मैने घर आके बताया मेरी धर्मपत्नी को
आज खाना ना बनाना यार
मेरे घनिष्ठ मित्र ने बुलाया है मुझे जीमने
वो भी सहपरिवार।
शाम का हे आयोजन
रखना समय का ध्यान
थोड़ी दूरी पर है मित्र का घर
तुम कोई लंबित ना रखना काम।
भोली मेरी धर्मपत्नी ने
झटपट निपटाया सारा काम
शाम अभी दूर बहुत थी
पर उसको ना था आराम ।
कुछ ओर कपड़े धोकर वो
सुखाने गई परकोटे के पास
पड़ोसन वही नजदीक खड़ी थी
उसके मन में थी कुछ बात करने की आस।
बातो ही बातो में मेरी धर्मपत्नी ने
अपना मुख खोला
शाम के आयोजन के बारे मे
सबकुछ पड़ोसन को बोला ।
अब बात कुछ ज्यादा ही हो गईं तो
मेरी धर्मपत्नी ने पड़ोसन को बोला
तुम भी आ जाना साथ
इनके एक नजदीकी मित्र ने बुलाया है जीमने
वो भी सहपरिवार।
पड़ोसन भी कहा नाराजी थी
जीमन किसका भी हो
उसकी तो हर जगह हाजी थी।
पड़ोसन बोली मेरे उनको भी ले आऊंगी साथ
मेरे भाई और बहिन के दो चार बच्चे भी आ जाए तो
इसमें तो ना होगी न बड़ी बात
आखिर मित्र ने बुलाया ही है जिमने
वो भी सहपरिवार।
@ashok_bamniya
वाह!
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