Analyser/Observer जिन्दा जिन्दगी
Observe human life aspects. Life philosopher. A poet. Writer And mathematics lover. जिन्दगी , मेरी जान और तुम से बढकर कोई हसरत नही मेरी| आप का आपसे सँवाद हे जिन्दगी | बात दिल की आँखो से बया कर , लफ्जो से शिकायत ना कर | जमाना सारा तेरी मोहब्बत मे तेरा अखबार हो गया | Creator -© Ashok Bamniya
Target
Happiness☺✨
शायद कल कुछ अच्छा होता
Life Lesson
मेरा घोडा (Positive Ego)
जिन्दगी की तेज रपट पर
सरपट दौड़ा मेरा घोडा, मेरा घोडा।
कठिनाइयों की ऊँची चट्टान पर
लंबा कूदा मेरा घोडा , मेरा घोडा।
संकरे, चौडे
उत्तल, अवतल
दर्द नाम का बन विनाशक
हाँफता दौडा, हाँफता दौडा
मेरा घोडा, मेरा घोडा।
लू- सी तपती,
बर्फ सी जमती,
पाक जमीं पर,
लिये पाक इरादे,
खूब इठलाता,
खूब हुंकारता,
बेलगाम मतलबी,
हवा मे उडता,
बादलों मे खेलता,
दौडता जाता, दौडता जाता,
मेरा घोडा, मेरा घोडा।
जिन्दगी की तेज रपट पर
सरपट दौड़ा मेरा घोडा, मेरा घोडा।
©Ashok_Bamniya
गलतियाँ
गलतियाँ
हजार गलतियो से सीखा हूँ,
उलझा हूँ, तभी सुलझा हूँ।
एक सच ऐसा भी
बेखबर जज्बाती
बेबस नहीं
खुश है अब
शायद अब
अपनो ने उसको अपना लिया
बेख्याली मे था लिया फ़ैसला
ज़िन्दगी थी उससे रूठ गयी
साथ मिला क्या तेरा कुछ पल
उसकी तो हँसी ही छुट् गयी
लफ्ज अब शिकायत नहीं करते
डरते है शर्मिंदा है
क्या सामना करे गैरो का
अपने ही कातिल जिन्दा है
रूह तक जहर उतर चुका
सांसे भी रक्त से सनी हुई
आबाद सियासत पहले थी
अब अपनी ही लकड़ी जली हुई
दिन रूठे
मनाने का समय नहीं
अपनो को जताने का समय नहीं
बेखबर जज्बाती
अब मुस्कुराने का समय नहीं।
©Ashok_Bamniya
किरदार
वक़्त आने दो ये भी बदलेगी।
कोई हलचल नही दिख रही
भुचाल आने दो
ये भी धँसेगी ।
जो बाँध रखी है
दिमाग मे ।
खोल दो
कि ये फिर ना खुलेगी ।
अब बता भी दो ।
फिर करोगे किससे
रहनुमा तो अब रहे नही ।
जो लोगो मे ।
तुम्हारे बहुत करीब का
तालाब तुम्हे दिखाई नही देता ।
अब दीवारे तालाब की
कमजोर
बहुत कमजोर
हो गयी है ।
संभाल लो इसको
कि फिर ये तुमसे ना संभलेगी ।
वक़्त आने दो ये भी बदलेगी।
ख्याल
तुम मुझसे नही आइने से पूछो अपनी खुबसुरती के बारे मे, मेरा तो बस यही ख्याल है कि तुम्हे देखने के बाद मेरा ओर कोई ख्याल ना रहा।
ईमान
डोला डोला डोला
ईमान डोला
आज फिर एक सडक का लडका
टावर पर चढ कर बोला
डोला डोला डोला
ईमान डोला
इसका उसका
किसका किसका
ईमान डोला
वादे सारे मर गये
लुटी लंका अपने घर गये
बिन पानी ही तर गये
डोला डोला
ईमान डोला
खुद बन बैठा मगर
मछली हमको बना दिया
तालाब था सारा भरा
अकेला सब पचा दिया
डोला डोला
ईमान डोला
अब फिर कोई नया देवता बन आयेगा
हमको मीठी चाय पिलायेगा
हमारे ही घर खाना वो खायेगा
हमसे अपने बर्तन साफ करवायेगा
अगर अब भी उसको ना समझे तो
सारा का सारा घर वो खा जायेगा
डोला डोला
ईमान डोला
इसका उसका
किसका किसका
ईमान डोला
देखो उसको
अब तो कुछ सीख लो
ऐसा ना करो
कि अपनी आंखे भींच लो
लालच लालच का
अब नाम ना हो
शहर अब अपने कर्मो से ओर
बदनाम ना हो
पहले खुद को
तो मे शुद्ध करू
ज्यादा नही पर
थोडा सा तो प्रबुद्ध करु
डोला डोला
ईमान डोला
@Ashok Bamniya
याद
कब तलक तुम मुझे याद करोगे -2
रोओगे हजार बार याद मे मेरी
क्या उसके बाद भी मुझे याद करोगे
कब तलक तुम मुझे याद करोगे|
किताबे मेरी मेज पर जो थी पडी
चादर मेरी जिसपर सल्वटे थी सजी
क्या उनसे लिपटकर
याद मुझे बार-2 करोगे
कब तलक तुम मुझे याद करोगे |
फूल जो आँगन मे खिला
खडा-2 मुरझा गया
पानी मिला नही
माटी मे समा गया
मन के द्वार खोले कि
भेंट उनसे हो गयी
खिडकी से तेज किरण
आँखो पर पड रही
तेज इतना हुआ की
अँधेरा अब दिख रहा
नजर जहाँ तक गयी देखा
यहाँ हर कोई बिक रहा |-2
Target
Analyser/Observer Way without terminal always reduce you to a mass without meaning . © Ashok_Bamniya
-
तुम मेरी सुनो दिल से अपने कहो आवाज ना करो वक़्त पर मै ही तो तुम्हारे काम आया था सोच कर देखो तु साथ अपने क्या लाया था म...
-
जीने के लिये ए हमसफर अब तेरा साथ ही काफ़ी ना रहा दरिया पास चला आया है पर अब इसमे पानी ही काफ़ी ना रहा जरुरत जान की है जी तो हम बरस...
-
Analyser/Observer Way without terminal always reduce you to a mass without meaning . © Ashok_Bamniya
-
किस्मत कैसी होती है यहा ज़िंदगी रोती है वहा ज़िंदगी रोती है कुछ सपने संजोती है फिर माला मे पिरोती है गाँठ कच्ची रह जाये तो एक एक सपना ...
-
वो दिन कब मुझे मुक़्क़मल होगा पलके भीग जाएगी और मन संतृप्त होगा ऐ ज़िन्दगी , अब तेरी आबो - हवा मुझे भाती नहीं धड़कती धड़कन भी...
-
Analyser/Observer कुछ जरूरतें है इस जिंदगी की जो शायद पूरी होती तो शायद कल कुछ अच्छा होता यहां अभी कोई कहां रो रहा है देखो इन गलियों...
-
Analyser/Observer गलतियाँ हजार गलतियो से सीखा हूँ, उलझा हूँ, तभी सुलझा हूँ। ©Ashok_Bamniya Analyser/Observer
-
एक बार हमे आजमाते क्यू नही हम इतने बुरे है क्या , हमे गले से अपने लगाते क्यू नही चाहते है तुमको दिलोजान से थोडे शर्मिले है जताते हम ...
-
Analyser/Observer Before and after the truth, I am the happiest person in the world only when surroundings of my brain get reduced in high...
-
 Analyser/Observer In order of acquiring experiences certain we get, certain left and certain we lost. ©Ashok_Bamniya