खैर कोई बात नही जो साथ तेरा छुट गया धागा वफाओ का था जो कुछ बातो से ही टूट गया कल तक जो मेरा अपना था आज मुझसे ही रुठ गया खैर कोई बात नही जो तेरा साथ छूट गया |मोहब्बत मे तेरी तेरा इंतजार करूँगा अकेले ही सही तेरी याद मे मै ठंडी आह भरुंगा चाहत को अपनी फिर से पाने की खुदा से दुआ करूँगा |तन्हा अकेले बे-मन चलूँगा तडप को अपनी सीने मे दबा मुस्कुराकर चलूँगा ज़ज़्बात अपने दबा कर चलूँगा कोई पूछेगा दर्द मेरा उसकादिल बहला कर चलूँगा |तुम लौट आओगी इक दिन खुद मे मै ज़िद ये भरुन्गा किसी और का ना बनूँगा |तेरा ही हु मै तेराही रहूँगा |#पुकार_दिल_की ©Ashok Bamniya
Observe human life aspects. Life philosopher. A poet. Writer And mathematics lover. जिन्दगी , मेरी जान और तुम से बढकर कोई हसरत नही मेरी| आप का आपसे सँवाद हे जिन्दगी | बात दिल की आँखो से बया कर , लफ्जो से शिकायत ना कर | जमाना सारा तेरी मोहब्बत मे तेरा अखबार हो गया | Creator -© Ashok Bamniya
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My love for my brother
Analyser/Observer When i am going to balance my havings, i found your side is heavier than any one else my dear brother.
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Analyser/Observer आओ जीमने आज एक नजदीकी मित्र ने बुलाया मुझे जीमने वो भी सहपरिवार। मैने घर आके बताया मेरी धर्मपत्नी को आज खाना ना बनाना यार ...
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Analyser/Observer Way without terminal always reduce you to a mass without meaning . © Ashok_Bamniya
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सच क्या हैं मेरा बचपना ही तो है। वो छोटी सी मेज पर चढकर खिडकी से बाहर झाँकना वो किसी के आने की आहट को ताकना। गाँव का वो स्कूल कक्षा...
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जिन्दगी एक किरदार ही तो है, वक़्त आने दो ये भी बदलेगी। अभी तो जमीन पर कोई हलचल नही दिख रही भुचाल आने दो ये भी धँसेगी । उम्...
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चैन का पता नही अब आराम क्हा है ज़िंदगी गद्दार हुई बैठी है रातो मे आंखे खोले सोता हु अब ख्वाबो को आने की इजाज़त क्हा है आसंमा मे तार...
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जिन्दगी की तेज रपट पर सरपट दौड़ा मेरा घोडा, मेरा घोडा। कठिनाइयों की ऊँची चट्टान पर लंबा कूदा मेरा घोडा , मेरा घोडा। संकरे, चौडे उत्तल, अ...
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Analyser/Observer Before and after the truth, I am the happiest person in the world only when surroundings of my brain get reduced in high...
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Analyser/Observer It is very easy to criticize someone on his doings but when you go through the same by than only you will realise the pers...
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किस्मत कैसी होती है यहा ज़िंदगी रोती है वहा ज़िंदगी रोती है कुछ सपने संजोती है फिर माला मे पिरोती है गाँठ कच्ची रह जाये तो एक एक सपना ...
बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना 🙏
ReplyDeleteबहुत- बहुत धन्यवाद अभिलाषा जी
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