हर वक्त का हसना तुझे बर्बाद ना कर दे,
तन्हाई के लम्हो मे कभी रो भी लिया कर |
तन्हाई के लम्हो मे कभी रो भी लिया कर |
Observe human life aspects. Life philosopher. A poet. Writer And mathematics lover. जिन्दगी , मेरी जान और तुम से बढकर कोई हसरत नही मेरी| आप का आपसे सँवाद हे जिन्दगी | बात दिल की आँखो से बया कर , लफ्जो से शिकायत ना कर | जमाना सारा तेरी मोहब्बत मे तेरा अखबार हो गया | Creator -© Ashok Bamniya
Analyser/Observer धीरज अपनी पुरानी डायरी के पन्ने पलट रहा था। पृष्ठ हल्के पीले पड़ गए थे और स्याही थोड़ी फीकी। आज की भाग-दौड़ वाली दुनिया से...
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