आज फिर याद तेरी आयी है

तेरा मुझसे अब कोई वास्ता तो नही 
मेरी राह मे कही तेरा रास्ता तो नही 
फिर भी पता नही मेरा दिल क्यू तुझे बुलाता है 
अपनी ही आंखो मे आँसू क्यू ये लाता है 
गलती तो खुद ने की थी
फिर बाद मे पछताता क्यू है 
खुद ही अपनी मोह्ब्ब्त को दुर कर
फिर आज उसे बुलाता क्यू है 
प्यार तो उसने किया था
रोयी भी थी वो रातो को 
खफा होने के बाद भी
तरसती थी तेरे साथ को 
माना की तेरे दिल को 
मोह्ब्ब्त न उससे तब थी
फिर क्यू झूठा इज्हार किया 
क्या तुझे किसी की कसम थी
अब जब वो तुझसे दुर चली ग्यी 
तू क्यू फ़िर उसे बुलाता है 
सम्भल ना पायी है
वो अब तक 
फिर क्यू तू उसे रुलाता है |


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Truth of Love

Analyser/Observer Love the one, who love the one.