विरक्ति

Analyser/Observer

कर गयी तुम उर को मेरे रिक्त
मन हो उठा मेरा अब विरक्त
होंठो की लाली भी छूट गयी
जब से हर्दयप्रिया तुम रुठ गयी |

अरमान अहसासो के पल भर मे ही तोड गयी
आधे ही सफर मे मुझे अकेला छोड गयी |

कसमे वादे सबको बेसहारा छोड गयी 
महबूबा मेरी तुम मुझसे ही मुँह मोड गयी |

मन अब तुम्हारे अहसास से दुख पाता है 
नींद मे तुम्हारा चेहरा भी डराता है |

अबोध अपना आपा अब खोता है 
कही भाग जाने को दिल अब ये होता है |

अपनायी तुमने कैसी ये सख्ती 
तन्हा अकेला छोड चली तुम 
रह गयी मुझ संग 
बस अब विरक्ति |

बाँधी तुमने अपनी आंखो पर तिरस्कार की पट्टी 
मुझ मे विचरती अब तेरी विरक्ति |

नासमझ

मै खुद को समझता था 
समझदार बडा 

हर किसी के विरोध मे 
मै हो जाता था खडा 

बातो को अपनी 
सत्य ही मै जानता 
बाकी कोई कुछ भी बोले 
सब को गलत ही मानता |

अपनी जीत से मै 
हर किसी पर हावी था 
सच्चे लोगो का बयान भी 
मुझ पर अप्रभावी था | 

बोली मे अपनी 
धौंस मै रखता था 
आँखो मै अपनी 
रोस मै रखता था |

सकल काम मेरे 
कोई ओर ही बनाता था 
बात खुद पर आये तो 
आक्रोश मै रखता था |

किसी ओर का दिया 
खा रहा था 
दाँतो तले ऊँगुली 
दबा रहा था |

#नासमझ खुद के 
गीत गा रहा था |

#नासमझ खुद ही पर 
मुस्कुरा रहा था |

#नासमझ अकेला ही 
चला जा रहा था |

©Ashok Bamniya

सेठजी-एक मीठा ठग

ईट , पत्थर ,रेत ,सीमेंट लाया 
इन्हे मिलाकर किला बनाया 
दीवारे रंगो से सँजायी 
इन्हे देख लोगो कि आँखे चौंधियायी |

रूप्या पैसा इतना दिखाया 
लोगो के बीच नाम कमाया 
लोग करने लगे हमरी बडाई 
हमहु बन गये सेठजी भाई |

लाल टीका माथे पर लगाया 
मुँह मे मीठा पान दबाया 
गुड की घर से कर दी  विदाई 
बाजार से शक्कर कि बोरी उठवायी |

मावा खुद ही हम खावे भाई 
जग मे बाँटे खूब झुटाई |

गरीब संग फोटो खिचवाये 
तब्हू ना हम सेल्फी किंग कहलवाये 
दिखावे का हाथ बढावे भाई 
पीठ पर लट्ठ चलावे भाई |

माल खुद ही हम दबावे भाई 
हमहु बन गये सेठजी भाई |

कुछ पुरानी बाते

#01 
ऐ मेरी आरजू-ए-दिल 
तुझे याद कर 
मै बहुत रोया |

#02
अब सूख गये
आँखो के आँसू 
अब दिल भी 
थोडा बरबाद होने चला है |

#03
इक़्त्फाक आइने बदल देता है 
चेहरा देखने के |

#04
हिम्मत तो देखो मेरी 
मैने अपना सिर उठा लिया | 

#05
ऐ प्यार तेरे इरादे 
मुझे पाक तो नही लगते |

#06
बेपरवाह मोह्ब्बत 
रोज तेरे आयाम नये है | 

#07
कोई तो मेरी चाहत को मुस्कान दे जाओ 
कि वो उखडी-2 अच्छी नही लगती | 

#08
वफा गुमनाम अँधेरो की 
मेरे दर पर आहट तो कर जा कभी-2 |

ये कैसा भाईचारा

रोज चीखते हो 
कोई कुछ नही कर रहा यहा 
जरा ठहरो 
खुद ही से पूछो 
तुमने अब तक ऐसा क्या किया |

तुमने अपने भतीजे को नौकरी लगवाया 
अपनी ही फैक्टरी मे उसको काम दिलवाया 
किसी और का टिकट कटवाया 
तब जाकर कही उसका नम्बर आया |

काबिल ना देखा तुमने 
तुमने देखा तुम्हारा वफादार 
जो भरे तुम्हारी 
हुँकार मे हुँकार |

चाचा के दम पर 
आज देखो छोरा ऊँचल रहा 
गली गली 
हर गली मे वो पसर रहा |

रो तो वो रहा है 
जिसके मुँह की तुमने खायी 
क्या करे खुदा भी 
तुमने उसकी ऐसी किस्मत बनायी |

बँटवारे का जहर 
तुम ही घोल रहे हो 
अब चीख चीखकर व्यथा अपनी 
तुम कैसे बोल रहे हो |

एक तुम्हारा सगा 
दूसरे को तुमने पराया कर दिया 
लालच मे अपने तुमने 
ये कैसा भाईचारा कर दिया |

बेबस तुम्हारे कर्मो से 
अब देश हो रहा है 
बडा सुनहरा था जिसका सपना 
आज वो खो रहा है |

©Ashok Bamniya


समझ

दिन धुआ हो गये 
राते भी काली है 
उम्मीदे मेरे घर को चली आयी 
पर मेरी जेब तो खाली है |

माँगकर सब तरफ देख लिया 
सबकी आंखे एक सवाली है 
क्या नही था तेरे पास 
जो तेरी जेब आज खाली है |

समर्थन सुख मे सब गवाया 
खुद ही लिखा 
खुद ही मिटाया |

बहकावे ने आज से बेहतर 
कल को बताया
वो हुए मालामाल 
मै खाली हाथ घर को आया |

बात अब करता हु 
जब गले तक आयी हे 
बहकावे ने अपनी लंका डुबायी है |

पर्दे पर जो दिख रहा 
तुम उसे ना मानना 
जो अन्दर से सच्चा हो 
उसे तुम जानना |

©Ashok Bamniya

बदलाव

ये लाल कैसे हो गया 
गुलाल तो डाला नही 
गुलाल कैसे हो गया 

आहट कोई हुई नही 
तुम दर से मेरे कब गये 
प्यार तो बढा नही 
मुस्किले हुई खडी
मुस्किले हुई खडी |

माना दिल मे तेरे 
मोह्ब्बत का आगाज ना था 
मैने भी तुमसे कभी 
माँगा ताज ना था |

किले खुशहाली के 
हवाओ से ढह गये 
आयी जो बरसात तो 
पहाड भी बह गये 
पहाड भी बह गये |

सूरते जनाब से 
हाल हमको दिख गया 
आइने सा साफ रंग 
लाल अब से हो गया |

#पुकार_दिल_की

खैर कोई बात नही जो साथ तेरा छुट गया धागा वफाओ का था जो कुछ बातो से ही टूट गया कल तक जो मेरा अपना था आज मुझसे ही रुठ गया खैर कोई बात नही जो तेरा साथ छूट गया |मोहब्बत मे तेरी तेरा इंतजार करूँगा अकेले ही सही तेरी याद मे मै ठंडी आह भरुंगा चाहत को अपनी फिर से पाने की खुदा से दुआ करूँगा |तन्हा अकेले बे-मन चलूँगा तडप को अपनी सीने मे दबा मुस्कुराकर चलूँगा ज़ज़्बात अपने दबा कर चलूँगा कोई पूछेगा दर्द मेरा उसकादिल बहला कर चलूँगा |तुम लौट आओगी इक दिन खुद मे मै ज़िद ये भरुन्गा किसी और का ना बनूँगा |तेरा ही हु मै तेराही रहूँगा |#पुकार_दिल_की ©Ashok Bamniya

दिवाली रा राम - राम

दिवाली रा राम - राम 
थे करजो जग मे अच्छा काम 
वेजो जग मे थारो नाम 
सुख - समद्धि थाके घर आजो 
बालका संग थे खिल - खिलाजो 
बुड्ढो रे आंखा रा तारा बन जाजो 
थाके घर ने रोशन कर जाजो 
लाडू  बर्फी थे खाजो 
ऊँचो वेजो थारो काम 

दिवाली रा राम - राम|

दीपावली

बजे पटाखे
जली फुलझडी
काली रात पर भी
चढ गयी चमक
दीप जलाये 
थाल सजाये 
घर आँगन मे
फैल गया
खुशियो का रंग 
तन दमका 
मन चमका 
नैनो मे दौडी तरंग 
नये नाचे 
पुराने गाये 
फिजा मे भी आज
फैली सुगंध 
बच्चे बुढो को 
दिल से गले लगाये 
मिठाई बाँटे
मिलकर मुस्कुराये

आओ सब मिलकर
दीप जलाये
दीपावली मनाये |



बेरोजगार

आंखो मे भी  कुछ आस रहती
नये सपने  मै भी संजोता
बोली मे भी  मिठास रहती
बालपने की  हद तक जाता 
जीवन मे भी  साँस रहती 
काश की उम्मीद आबाद रहती |



कलम उठाते  ही भर आयी आंखे

घडा भर पीता फिर भी प्यास रहती |



नाकाबिलो  को काबिल

हमने बनाया 
ऊंचा उठाकर  कुर्सी पर बिठाया 
किस्मत बदलने की
इनसे आस लगाई
हर बार की  तरह
उम्मीदे इस बार भी खाली हाथ आयी |



काश की उम्मीद आबाद रहती |

©Ashok Bamniya

अर्जी

गुनहगार हु तेरा 
 सजा दे - दे 
बाद तेरे जीने की मुझको
कोई तो वजह दे - दे 
चाहते अपनी सारी मै 
खोलकर सामने रख  दूँगा
तु आने की अपने दिल मे 
फिर से मुझको रजा दे - दे
तडप क्या होती है 
मोहब्बत से बिछडने की 
जान गया हु मै 
तु फिर से अपनी बाहो कि 
मुझको पनाह दे - दे 
कबूल सारे गुनाह मेरे 
आज मुझ पर ही भारी है 
तु अपनी शानो - शौकत की
मुझ पर थोडी सी निगाह दे - दे |

अर्जी 

Truth of Love

Analyser/Observer Love the one, who love the one.