किसे सोचु मै दिन को
ये दिन मेरे आजकल कटते नहीं
किसे पुछु मै अब यहां
ये सवाल मेरे मेरी राह पर चलते नहीं
तु कौन है
क्या है तेरा ठिकाना
तुझे कहा पाऊ
की दिन मेरे आजकल कटते नहीं
माना तु मेरे ख्यालों में कही बसी है
हां मै ये भी मानता हु
कि तु मेरे सवालों में कही रमी है
फिर सोचता हु
क्यू मुझे तेरी कमी है
कि दिन मेरे आजकल कटते नहीं
सोच में तुझे कही बसा लु अपने
सवालो में कही तुझे छुपा लु अपने
कि कही पता जमाने को लग ना जाए
कि तुझ बिन
दिन मेरे आजकल कटते नहीं |
No comments:
Post a Comment