ईमान

डोला डोला डोला
ईमान डोला
आज फिर एक सडक का लडका
टावर पर चढ कर बोला
डोला डोला डोला
ईमान डोला
इसका उसका
किसका किसका
ईमान डोला
वादे सारे मर गये
लुटी लंका अपने घर गये
बिन पानी ही तर गये
डोला डोला
ईमान डोला
खुद बन बैठा मगर
मछली हमको बना दिया
तालाब था सारा भरा
अकेला सब पचा दिया
डोला डोला
ईमान डोला
अब फिर कोई नया देवता बन आयेगा
हमको मीठी चाय पिलायेगा
हमारे ही घर खाना वो खायेगा
हमसे अपने बर्तन साफ करवायेगा
अगर अब भी उसको ना समझे तो
सारा का सारा घर वो खा जायेगा
डोला डोला
ईमान डोला
इसका उसका
किसका किसका
ईमान डोला
देखो उसको
अब तो कुछ सीख लो
ऐसा ना करो
कि अपनी आंखे भींच लो
लालच लालच का
अब नाम ना हो
शहर अब अपने कर्मो से ओर
बदनाम ना हो
पहले खुद को
तो मे शुद्ध करू
ज्यादा नही पर
थोडा सा तो प्रबुद्ध करु
डोला डोला
ईमान डोला

@Ashok Bamniya

No comments:

Post a Comment

My love for my brother

Analyser/Observer When i am going to balance my havings, i found your side is heavier than any one else my dear brother.