उम्मीद और सफर

Analyser/Observer

"अच्छी चीज़ों की तलाश में भटकना ही ज़िंदगी का सबसे सुंदर सफर है।
यह ज़रूरी नहीं कि हर दिन खुशगवार हो, पर यह ज़रूरी है कि आप हर दिन कुछ नया सीखें।
ज़िंदगी का सार किसी मंज़िल पर पहुँचने में नहीं, बल्कि उस रास्ते पर चलते रहने में है। अपनी छोटी-छोटी जीतों को पहचानिए, अपने प्रयासों का सम्मान कीजिए, और याद रखिए—आज का आपका सबसे छोटा कदम भी कल एक बड़ी छलांग की तैयारी है।
अपने अंदर की उम्मीद को कभी बुझने न दें, क्योंकि वह रोशनी जहाँ तक जाती है, रास्ता वहीं से शुरू होता है।"

Success 😁

Analyser/Observer

"सफलता एक रात में नहीं मिलती, लेकिन नियत समय पर लिए गए छोटे-छोटे, अनुशासित फैसले और लगातार किया गया प्रयास ही हमें वहाँ पहुँचाते हैं जहाँ हम पहुँचना चाहते हैं।
याद रखें, बड़ा बदलाव हमेशा छोटे कदमों से शुरू होता है। आज आप जो बीज बो रहे हैं, वही कल आपका भव्य वृक्ष बनेगा। इसलिए, अपने लक्ष्य पर दृढ़ विश्वास रखें और हर दिन को एक नया अवसर मानकर आगे बढ़ें।"

प्रियतमा

Analyser/Observer

तुम मेरी धड़कन, तुम मेरी साँस

​तुम वो चाँदनी हो जो जीवन में आई,

अंधेरे रास्तों को जिसने रोशनी दिखाई।

तुम हो मेरे होठों की वो प्यारी सी मुस्कान,

तुम्हारे बिना अधूरा है मेरा ये जहां

​हर सुबह मेरी तुमसे ही शुरू होती है,

तुम्हारी हँसी से मेरी दुनिया महकती है।

वो छोटी-छोटी बातें, वो मीठी सी तकरार,

बस यही तो है हमारे प्यार का संसार

​जब थक के आता हूँ, तुम सुकून बन जाती हो,

हर दर्द को अपने आँचल में छिपाती हो।

तुम साया हो मेरा, हर कदम पर साथ निभाती हो,

सच कहूँ, तुम ही मेरी ताकत कहलाती हो।

​तुम्हारी आँखों में देखा है मैंने खुशियों का सागर,

तुम हो तो लगता है पास है मेरे प्यार का गागर

रूठो न कभी, प्रिय! मैं तुम्हें मनाता रहूँगा,

आखिरी साँस तक बस तुम्हारा ही साथ निभाऊंगा।

गुज़रे पल और आज का शोर

Analyser/Observer

धीरज अपनी पुरानी डायरी के पन्ने पलट रहा था। पृष्ठ हल्के पीले पड़ गए थे और स्याही थोड़ी फीकी। आज की भाग-दौड़ वाली दुनिया से दूर, उसे उन दिनों की धीमी गति याद आ रही थी।

"एक ख़त आने में हफ़्ते लग जाते थे," उसने बुदबुदाया। "और इंतज़ार में एक अलग ही मिठास होती थी। आज तो बस 'Sent' का बटन दबाओ और उम्मीद करो कि सामने वाला तुरंत जवाब दे।"



उसे याद आया, जब वह छोटा था, तो उसने अपनी नानी को हाथ से बुने ऊन से स्वेटर बनाते देखा था। हर फंदा धैर्य और प्यार से बुना जाता था।



डिलीवरी पर ‘Express’ ऑप्शन चुनता है। सब कुछ तुरंत चाहिए, रेडीमेड। बुनाई का हुनर कहीं पीछे छूट गया है, उसकी जगह मशीन की तेज़ आवाज़ ने ले ली है।


तभी उसकी मेज पर रखा टैबलेट चमका। एक दोस्त का वीडियो कॉल। वह तुरंत मुस्कुराया और स्वीकार कर लिया। यह भी एक जादू था—हज़ारों मील दूर बैठे दोस्त का चेहरा आँखों के सामने।



उसने महसूस किया: पुराने दिनों की ख़ूबसूरती इंतज़ार में थी, जो चीज़ों को क़ीमती बनाती थी। और नए दिनों का चमत्कार यह है कि वह दूरियों को मिटा देता है।


"मैंने कभी ख़तों के न आने का दर्द सहा है," उसने सोचा। "और मैंने वीडियो कॉल पर तुरंत हाल-चाल पूछने की राहत भी महसूस की है। दोनों अनुभवों का अपना महत्व है।"


उसने अपनी डायरी बंद कर दी और टैबलेट को भी नीचे रखा। उसने महसूस किया कि असली समस्या पुराने या नए दिन नहीं हैं, बल्कि यह है कि हम हर पल में पूरी तरह से मौजूद हैं या नहीं।


वह उठा और अपनी पसंदीदा पुरानी कॉफी मशीन से एक कप धीमी, खुशबूदार कॉफी बनाने चला गया। एक पुरानी आदत को नए दिन में जगह देना।


जब उसने गर्म कप अपने हाथों में लिया, तो उसे एहसास हुआ कि ज़िंदगी न तो केवल पिछली धीमी धुन है, न ही केवल आज का तेज़ संगीत। यह दोनों का एक सुंदर, संतुलित मिश्रण है।





शांत सरोवर

Analyser/Observer
(Shant Sarovar - Quiet Pond)

शांत सरोवर की गहराइयों में,
एक अज्ञात सी कहानी है।
ठहरी हुई हैं लहरें सारी,
जैसे समय की रुक गई रवानी है।
दूर खड़ा मैं देखता हूँ,
यह नीरव (silent) और अटल (immovable) दृश्य।
पेड़ों की छाया, आसमान का अक्स,
सब कुछ कितना पवित्र और अदृश्य।
कोई शोर नहीं, कोई हड़बड़ी नहीं,
बस धीमा सा हवा का आना जाना।
मन कहता है, इस शांति को थाम ले,
खुद के अंदर भी एक सरोवर बनाना।
जीवन की दौड़, ये भागमभाग कैसी?
जब सुकून एक पल में मिल सकता है।
बस पलकें झुकाकर, साँसों को सुनकर,
हर प्रश्न का उत्तर खुल सकता है।
तभी एक लहर उठी धीरे से,
और शांत हुआ वो जल फिर से।
सिखा गई वो मुझको यह बात,
हर उथल-पुथल के बाद आता है विश्राम।





Events

Analyser/Observer

Life events imparts credentials, which have their own meaning for each individual.

My love for my brother

Analyser/Observer



When i am going to balance my havings, i found your side is heavier than any one else my dear brother.

आओ जीमने

Analyser/Observer

आओ जीमने


आज एक नजदीकी मित्र ने बुलाया मुझे जीमने
वो भी सहपरिवार।

मैने घर आके बताया मेरी धर्मपत्नी को
आज खाना ना बनाना यार
मेरे घनिष्ठ मित्र ने बुलाया है मुझे जीमने
वो भी सहपरिवार।

शाम का हे आयोजन
रखना समय का ध्यान 
थोड़ी दूरी पर है मित्र का घर
तुम कोई लंबित ना रखना काम।

भोली मेरी धर्मपत्नी ने
झटपट निपटाया सारा काम
शाम अभी दूर बहुत थी 
पर उसको ना था आराम ।

कुछ ओर कपड़े धोकर वो
सुखाने गई परकोटे के पास
पड़ोसन वही नजदीक खड़ी थी
उसके मन में थी कुछ बात करने की आस।

बातो ही बातो में मेरी धर्मपत्नी ने
अपना मुख खोला
शाम के आयोजन के बारे मे
सबकुछ पड़ोसन को बोला ।

अब बात कुछ ज्यादा ही हो गईं तो
मेरी धर्मपत्नी ने पड़ोसन को बोला 
तुम भी आ जाना साथ
इनके एक नजदीकी मित्र ने बुलाया है जीमने
वो भी सहपरिवार।

पड़ोसन भी कहा नाराजी थी 
जीमन किसका भी हो
उसकी तो हर जगह हाजी थी।

पड़ोसन बोली मेरे उनको भी ले आऊंगी साथ
मेरे भाई और बहिन के दो चार बच्चे भी आ जाए तो
इसमें तो ना होगी न बड़ी बात
आखिर मित्र ने बुलाया ही है जिमने
वो भी सहपरिवार।
@ashok_bamniya


Target

Analyser/Observer


Way without terminal always reduce you to a  mass without meaning.

                    © Ashok_Bamniya


Situation

Analyser/Observer

Some situations are so cruel that they can change someone from his best to his worst.

@ashok_bamniya




Critics

Analyser/Observer

It is very easy to criticize someone on his doings but when you go through the same by than only you will realise the person stands at his best.

©Ashok_Bamniya



Happiness☺✨

Analyser/Observer


Before and after the truth, I am the happiest person in the world only when surroundings  of my brain get reduced in  highly timid light I can find myself deep asleep when I am all alone.
©Ashok_Bamniya




शायद कल कुछ अच्छा होता

Analyser/Observer

 कुछ जरूरतें है इस जिंदगी की 
जो शायद पूरी होती तो 
शायद कल कुछ अच्छा होता 
यहां अभी कोई कहां रो रहा  है 
देखो इन गलियों  से  
मकानों से 
कोई आवाज भी तो नहीं आ रही 
 मगर अगर कोई मुस्कुराता
खिलकर ठहाके लगाता
तो शायद कल कुछ अच्छा होता 
मजबूत रस्सिया भी अच्छी है 
अगर ना होती है जंजीरे भी तो
शायद कल कुछ अच्छा  होता
कमाया कुछ नहीं अभी तक  मैंने
जो भी मेरा जमा था
 वह सब तो तुमने ले लिया
  इसके बाद भी अगर तुम रुक जाते तों
शायद कल कुछ अच्छा होता
 अपनी ही जमीन पर अजनबी बने बैठे हैं 
अगर होता कोई  जानकार तो  
शायद कल कुछ अच्छा होता
मेहरबानी इतनी रही तुम्हारी मुझ पर 
सांसे भी मेरी 
 तुम्हारी उधार है
 अगर होता नहीं कोई बंधन अपनेपन का 
तो शायद कल कुछ अच्छा होता |

Life Lesson

Analyser/Observer

In order of acquiring experiences certain we get, certain left and certain we lost.
©Ashok_Bamniya


उम्मीद और सफर

Analyser/Observer "अच्छी चीज़ों की तलाश में भटकना ही ज़िंदगी का सबसे सुंदर सफर है। यह ज़रूरी नहीं कि हर दिन खुशगवार हो, पर यह ज़रूरी है...