Events

Analyser/Observer

Life events imparts credentials, which have their own meaning for each individual.

My love for my brother

Analyser/Observer



When i am going to balance my havings, i found your side is heavier than any one else my dear brother.

आओ जीमने

Analyser/Observer

आओ जीमने


आज एक नजदीकी मित्र ने बुलाया मुझे जीमने
वो भी सहपरिवार।

मैने घर आके बताया मेरी धर्मपत्नी को
आज खाना ना बनाना यार
मेरे घनिष्ठ मित्र ने बुलाया है मुझे जीमने
वो भी सहपरिवार।

शाम का हे आयोजन
रखना समय का ध्यान 
थोड़ी दूरी पर है मित्र का घर
तुम कोई लंबित ना रखना काम।

भोली मेरी धर्मपत्नी ने
झटपट निपटाया सारा काम
शाम अभी दूर बहुत थी 
पर उसको ना था आराम ।

कुछ ओर कपड़े धोकर वो
सुखाने गई परकोटे के पास
पड़ोसन वही नजदीक खड़ी थी
उसके मन में थी कुछ बात करने की आस।

बातो ही बातो में मेरी धर्मपत्नी ने
अपना मुख खोला
शाम के आयोजन के बारे मे
सबकुछ पड़ोसन को बोला ।

अब बात कुछ ज्यादा ही हो गईं तो
मेरी धर्मपत्नी ने पड़ोसन को बोला 
तुम भी आ जाना साथ
इनके एक नजदीकी मित्र ने बुलाया है जीमने
वो भी सहपरिवार।

पड़ोसन भी कहा नाराजी थी 
जीमन किसका भी हो
उसकी तो हर जगह हाजी थी।

पड़ोसन बोली मेरे उनको भी ले आऊंगी साथ
मेरे भाई और बहिन के दो चार बच्चे भी आ जाए तो
इसमें तो ना होगी न बड़ी बात
आखिर मित्र ने बुलाया ही है जिमने
वो भी सहपरिवार।
@ashok_bamniya


Target

Analyser/Observer


Way without terminal always reduce you to a  mass without meaning.

                    © Ashok_Bamniya


Situation

Analyser/Observer

Some situations are so cruel that they can change someone from his best to his worst.

@ashok_bamniya




Critics

Analyser/Observer

It is very easy to criticize someone on his doings but when you go through the same by than only you will realise the person stands at his best.

©Ashok_Bamniya



Happiness☺✨

Analyser/Observer


Before and after the truth, I am the happiest person in the world only when surroundings  of my brain get reduced in  highly timid light I can find myself deep asleep when I am all alone.
©Ashok_Bamniya




शायद कल कुछ अच्छा होता

Analyser/Observer

 कुछ जरूरतें है इस जिंदगी की 
जो शायद पूरी होती तो 
शायद कल कुछ अच्छा होता 
यहां अभी कोई कहां रो रहा  है 
देखो इन गलियों  से  
मकानों से 
कोई आवाज भी तो नहीं आ रही 
 मगर अगर कोई मुस्कुराता
खिलकर ठहाके लगाता
तो शायद कल कुछ अच्छा होता 
मजबूत रस्सिया भी अच्छी है 
अगर ना होती है जंजीरे भी तो
शायद कल कुछ अच्छा  होता
कमाया कुछ नहीं अभी तक  मैंने
जो भी मेरा जमा था
 वह सब तो तुमने ले लिया
  इसके बाद भी अगर तुम रुक जाते तों
शायद कल कुछ अच्छा होता
 अपनी ही जमीन पर अजनबी बने बैठे हैं 
अगर होता कोई  जानकार तो  
शायद कल कुछ अच्छा होता
मेहरबानी इतनी रही तुम्हारी मुझ पर 
सांसे भी मेरी 
 तुम्हारी उधार है
 अगर होता नहीं कोई बंधन अपनेपन का 
तो शायद कल कुछ अच्छा होता |

Life Lesson

Analyser/Observer

In order of acquiring experiences certain we get, certain left and certain we lost.
©Ashok_Bamniya


मेरा घोडा (Positive Ego)

 जिन्दगी की तेज रपट पर

सरपट दौड़ा मेरा घोडा, मेरा घोडा। 

कठिनाइयों की ऊँची चट्टान पर

लंबा कूदा मेरा घोडा , मेरा घोडा। 

संकरे, चौडे

उत्तल, अवतल

दर्द नाम का बन विनाशक

हाँफता दौडा, हाँफता दौडा

मेरा घोडा, मेरा घोडा। 

लू- सी तपती, 

बर्फ सी जमती, 

पाक जमीं पर, 

लिये पाक इरादे, 

खूब इठलाता, 

खूब हुंकारता, 

 बेलगाम मतलबी, 

हवा मे उडता, 

बादलों मे खेलता, 

दौडता जाता, दौडता जाता, 

मेरा घोडा, मेरा घोडा। 

जिन्दगी की तेज रपट पर

सरपट दौड़ा मेरा घोडा, मेरा घोडा। 

©Ashok_Bamniya

गलतियाँ

Analyser/Observer

गलतियाँ

हजार गलतियो से सीखा हूँ, 
उलझा हूँ, तभी सुलझा हूँ। 



©Ashok_Bamniya

Analyser/Observer

एक सच ऐसा भी

Analyser/Observer


जब मैं खुद को देखता हूँ, 
तो मुझे तुम दिखती हो, 
क्या ये वक़्त का इशारा है, 
या ये मेरी ही नजरो का धोका है। 

बांध रखा है शायद मैंने, 
अपने ही अंतर मन को
तुम्हारे ध्यान से, 
सोच से मेरे परे हो नही रही तुम
सोच का मेरा दायरा भी, 
तुम तक ही सिमटा जा रहा। 

सच कहु तुमसे तो , 
जितनी भी रूहानी बाते है, 
मैं तुमसे ही करना चाहता हूँ। 

सँग तुम्हारे ही चलना चाहता हूँ, 
सँग तुम्हारे ही जीना चाहता हूँ। 
हर स्वपन मे मेरे अपनी इस,
परिकल्पना के साकार होने की तमन्ना लिये, 
स्वपनो की चादर ओढे सोता हूँ।

इस इंतजार मे की शायद वो दिन आयेगा, 
जब तुम अपने चेहरे की किरणो से, 
मुझे मेरे स्वपनो से जगाओगी। 
©Ashok_Bamniya

बेखबर जज्बाती

वो रातों को जगता है शायद उसकी नींदों को किसी ने चुरा लिया
बेबस नहीं
खुश है अब
शायद अब
अपनो ने उसको अपना लिया
बेख्याली मे था लिया फ़ैसला
ज़िन्दगी थी उससे रूठ गयी
साथ मिला क्या तेरा कुछ पल
उसकी तो हँसी ही छुट् गयी
लफ्ज अब शिकायत नहीं करते
डरते है शर्मिंदा है
क्या सामना करे गैरो का
अपने ही कातिल जिन्दा है
रूह तक जहर उतर चुका
सांसे भी रक्त से सनी हुई
आबाद सियासत पहले थी
अब अपनी ही लकड़ी जली हुई
दिन रूठे
मनाने का समय नहीं
अपनो को जताने का समय नहीं
बेखबर जज्बाती
अब मुस्कुराने का समय नहीं।
#बेखबर_जज्बाती
©Ashok_Bamniya


किरदार



जिन्दगी एक किरदार ही तो है,
वक़्त आने दो ये भी बदलेगी।
अभी तो जमीन पर
कोई हलचल नही दिख रही
भुचाल आने दो
ये भी धँसेगी ।
उम्मीदों की पोट ली
जो बाँध रखी है
दिमाग मे ।
खोल दो
कि ये फिर ना खुलेगी ।
शिकायतें जो भी है
अब बता भी दो ।
फिर करोगे किससे
रहनुमा तो अब रहे नही ।
हँसी बाँट रहे हो ना
जो लोगो मे ।
तुम्हारे बहुत करीब का
तालाब तुम्हे दिखाई नही देता ।
ठीक से देखो
अब दीवारे तालाब की
कमजोर
बहुत कमजोर
हो गयी है ।
समय है अब भी
संभाल लो इसको
कि फिर ये तुमसे ना संभलेगी ।
जिन्दगी एक किरदार ही तो है,
वक़्त आने दो ये भी बदलेगी।
©Ashok_Bamniya

Truth of Love

Analyser/Observer Love the one, who love the one.