Observe human life aspects. Life philosopher. A poet. Writer And mathematics lover. जिन्दगी , मेरी जान और तुम से बढकर कोई हसरत नही मेरी| आप का आपसे सँवाद हे जिन्दगी | बात दिल की आँखो से बया कर , लफ्जो से शिकायत ना कर | जमाना सारा तेरी मोहब्बत मे तेरा अखबार हो गया | Creator -© Ashok Bamniya
सपना
तुम मेरी सुनो
दिल से अपने कहो
आवाज ना करो
वक़्त पर मै ही
तो तुम्हारे काम आया था
सोच कर देखो
तु साथ अपने क्या लाया था
मेरी हर बात मे
मै समझता हु
तुम्हारी हामी है
फिर किस बात पर मेरी
तुमने अपनी साँस थामी है
हाँ मै मानता हु
मेरा वजूद तुम्हारा है
पर एक गलती हो गयी मुझसे
मैंने एक अपना
अपने अंदर पाला है
प्यारा मुझको भी है
वो उतना
जितना मै आप को हु
कहो तो मार दू उसको
उसके बिना ज़िन्दा
भार
ज़िन्दगी को मौत से भी वीराना बना दो
कि अब खुशी का अहसास होने ना पाये
रूह तुम अपनी रुमानियत जला दो
कि अब दाता की समीपता भी मर सी जाये
ऐ शरीर तु अब सफेदी को अपना लिबास बना ले
कि अब कही काला मन तेरा दिख ना जाये
ऐ जुबा अब मिठास को तु कडवाहट बना ले
कि अब कही तेरे मौन का हनन हो ना पाये
रहनुमा कि मिल्खियत एक जाल है
हो सके तो खुदको तु अब इससे छुडाले
कि अब भावनाये सरोबार तुझमे हो ना पाये
ज़िन्दगी को मौत से वीराना बना दो
कि अब खुशी का अहसास होने ना पाये |
कवि
कुछ कवि ऐसे होते है
जमाने की भीड़ मे
खूब हँसते है
अकेले मे
अंदर ही अंदर
खुद को
पढ-पढ कर रोते है |
हालात ए हिंसा
इनको हर जगह नजर आती है
कलम के सिपाही
कलम को बन्दूक बना
रात-रात नही सोते है |
कलम का लहू
अब किस पर चढता है
यहा तो बस अब
आडे-टेढे मुह वाला
सामान बिकता है |
अब दवाते कहा रही
मेरे खुद की कलम की
नोक खो गयी |
बटनो के सँसार मे
विचारो को कौन पढता है
यहा तो सब
चिट-चाट मे व्यस्त रहता है |
जमाने की भीड़ मे
खूब हँसते है
अकेले मे
अंदर ही अंदर
खुद को
पढ-पढ कर रोते है |
हालात ए हिंसा
इनको हर जगह नजर आती है
कलम के सिपाही
कलम को बन्दूक बना
रात-रात नही सोते है |
कलम का लहू
अब किस पर चढता है
यहा तो बस अब
आडे-टेढे मुह वाला
सामान बिकता है |
अब दवाते कहा रही
मेरे खुद की कलम की
नोक खो गयी |
बटनो के सँसार मे
विचारो को कौन पढता है
यहा तो सब
चिट-चाट मे व्यस्त रहता है |
मै
तुम कहती हो तुम सच नही
झूठ तो मे भी नही हु
तुम कहती हो तुम्हारा अस्तित्व नही
अस्तित्व तो मेरा भी है
तुम कहती हो तुम्हारीआत्मा नही
आत्मा तो मुझमे भी है
तुम कहती हो तुम मुक़्त नही
मुक़्त तो मे भी हु
तुम कहती हो तुम्हारा घर नही
घर तो मेरा भी है
तुम कहती हो तुम मे उम्मीद नही
उम्मीद तो मुझमे भी है
तुम कहती हो तुम सुरक्षित नही
सुरक्षित तो मे भी हु |
इज्जत का बोझ तुम ओढे हो
मुझ पर कोई बोझ नही
जिम्मेदारियो का लिबास तुम पहने हो
मेरा कोई लिबास नही
तुम्हे प्यार की चाहत है
मेरा कोई प्यार नही
संसार तुम्हारे लिये बदलता नही
मेरे लिये ना बदले
ऐसा कोई संसार नही |
तुम मुझको पाना चाहती हो
तो मुझ जेसा बनना होगा
ऐब हे मुझमे बहुत सारे
झूठ तो मे भी नही हु
तुम कहती हो तुम्हारा अस्तित्व नही
अस्तित्व तो मेरा भी है
तुम कहती हो तुम्हारीआत्मा नही
आत्मा तो मुझमे भी है
तुम कहती हो तुम मुक़्त नही
मुक़्त तो मे भी हु
तुम कहती हो तुम्हारा घर नही
घर तो मेरा भी है
तुम कहती हो तुम मे उम्मीद नही
उम्मीद तो मुझमे भी है
तुम कहती हो तुम सुरक्षित नही
सुरक्षित तो मे भी हु |
इज्जत का बोझ तुम ओढे हो
मुझ पर कोई बोझ नही
जिम्मेदारियो का लिबास तुम पहने हो
मेरा कोई लिबास नही
तुम्हे प्यार की चाहत है
मेरा कोई प्यार नही
संसार तुम्हारे लिये बदलता नही
मेरे लिये ना बदले
ऐसा कोई संसार नही |
तुम मुझको पाना चाहती हो
तो मुझ जेसा बनना होगा
ऐब हे मुझमे बहुत सारे
तुम्हे भी एक-आध ऐब करना होगा |
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Analyser/Observer Some situations are so cruel that they can change someone from his best to his worst. @ ashok_bamniya