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विरक्ति

Analyser/Observer

कर गयी तुम उर को मेरे रिक्त
मन हो उठा मेरा अब विरक्त
होंठो की लाली भी छूट गयी
जब से हर्दयप्रिया तुम रुठ गयी |

अरमान अहसासो के पल भर मे ही तोड गयी
आधे ही सफर मे मुझे अकेला छोड गयी |

कसमे वादे सबको बेसहारा छोड गयी 
महबूबा मेरी तुम मुझसे ही मुँह मोड गयी |

मन अब तुम्हारे अहसास से दुख पाता है 
नींद मे तुम्हारा चेहरा भी डराता है |

अबोध अपना आपा अब खोता है 
कही भाग जाने को दिल अब ये होता है |

अपनायी तुमने कैसी ये सख्ती 
तन्हा अकेला छोड चली तुम 
रह गयी मुझ संग 
बस अब विरक्ति |

बाँधी तुमने अपनी आंखो पर तिरस्कार की पट्टी 
मुझ मे विचरती अब तेरी विरक्ति |

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