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कुछ पुरानी बाते

#01 
ऐ मेरी आरजू-ए-दिल 
तुझे याद कर 
मै बहुत रोया |

#02
अब सूख गये
आँखो के आँसू 
अब दिल भी 
थोडा बरबाद होने चला है |

#03
इक़्त्फाक आइने बदल देता है 
चेहरा देखने के |

#04
हिम्मत तो देखो मेरी 
मैने अपना सिर उठा लिया | 

#05
ऐ प्यार तेरे इरादे 
मुझे पाक तो नही लगते |

#06
बेपरवाह मोह्ब्बत 
रोज तेरे आयाम नये है | 

#07
कोई तो मेरी चाहत को मुस्कान दे जाओ 
कि वो उखडी-2 अच्छी नही लगती | 

#08
वफा गुमनाम अँधेरो की 
मेरे दर पर आहट तो कर जा कभी-2 |

8 comments:

  1. ज़िन्दगी गुज़रती रहती है संजीदा एहसासों से होकर .. .सुंदर सृजन .. शुभकामनाएँ.

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    1. सही कहा आपने .. धन्यवाद सर

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  2. पुरानी बातें...लेकिन जीवंत स्मृति।
    बहुत ही खूबसूरत लिखा है आपने, आपकी पंक्तियाँ कुछ महसूस कराती है।

    "...
    इक़्त्फाक आइने बदल देता है
    चेहरा देखने के |

    हिम्मत तो देखो मेरी
    मैने अपना सिर उठा लिया
    ..."

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    1. बहुत सुन्दर प्रतिक्रिया श्रीमान .. धन्यवाद दिल से

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  3. इक़्त्फाक आइने बदल देता है
    चेहरा देखने के |

    लाजवाब

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