Observe human life aspects. Life philosopher. A poet. Writer And mathematics lover. जिन्दगी , मेरी जान और तुम से बढकर कोई हसरत नही मेरी| आप का आपसे सँवाद हे जिन्दगी | बात दिल की आँखो से बया कर , लफ्जो से शिकायत ना कर | जमाना सारा तेरी मोहब्बत मे तेरा अखबार हो गया | Creator -© Ashok Bamniya
ज़िंदगी से पल पल मिलता है इंसान ... चाहे पद्म हो न हो दिर भी जीना होता है ..अच्छी रचना है ...
धन्यवाद Digamber ji..सही कहा आपने
बहुत खूब
धन्यवाद लोकेश जी
पलके भीग जाएगी और मन संतृप्त होगा -------- बहुत खूब आदरणीय अशोक जी -- अतृप्ति की तृप्ति वह भी आसूओं से !!!!!!बहुत मर्मस्पर्शी !!!!!! सादर --
धन्यवाद Renu ji
ज़िंदगी से पल पल मिलता है इंसान ... चाहे पद्म हो न हो दिर भी जीना होता है ..
ReplyDeleteअच्छी रचना है ...
धन्यवाद Digamber ji..सही कहा आपने
Deleteबहुत खूब
ReplyDeleteधन्यवाद लोकेश जी
Deleteपलके भीग जाएगी और
ReplyDeleteमन संतृप्त होगा -------- बहुत खूब आदरणीय अशोक जी -- अतृप्ति की तृप्ति वह भी आसूओं से !!!!!!बहुत मर्मस्पर्शी !!!!!! सादर --
धन्यवाद Renu ji
Delete