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आराम

जीने के लिये ए हमसफर
अब तेरा साथ ही काफ़ी ना रहा
दरिया पास चला आया है
पर अब इसमे पानी ही काफ़ी ना रहा
जरुरत जान की है
जी तो हम बरसो से रहे है
चलना सीखे नही खुदसे
सहारा हर मोड पर पाया है
सहारा बनना है किसी का
की अब आराम ही बाकी ना रहा |

6 comments:

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    1. धन्यवाद लोकेश नदीश जी

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  2. Replies
    1. धन्यवाद सुशील कुमार जोशी जी

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  3. धन्यवाद यशोदा जी

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  4. धन्यवाद यशोदा जी....माफ करे reply किस तरह किया जाता है इसका मुझे ज्ञान नही था

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