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दीपावली
बजे पटाखे
जली फुलझडी
काली रात पर भी
चढ गयी चमक
दीप जलाये
थाल सजाये
घर आँगन मे
फैल गया
खुशियो का रंग
तन दमका
मन चमका
नैनो मे दौडी तरंग
नये नाचे
पुराने गाये
फिजा मे भी आज
फैली सुगंध
बच्चे बुढो को
दिल से गले लगाये
मिठाई बाँटे
मिलकर मुस्कुराये
आओ सब मिलकर
दीप जलाये
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