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एक बार हमे आजमाते क्यू नही

एक बार हमे आजमाते क्यू नही
हम इतने बुरे है क्या ,
हमे गले से अपने लगाते क्यू नही 

चाहते है तुमको दिलोजान से
थोडे शर्मिले है
जताते हम यू नही ,

तुम्हे देखते ही 
हमारा दिन बन जाता है
तुम हमसे नजरे मिलाते  क्यू नही ,

पास से गुजर जाते हो
ठंडी ब्यार बनकर
हमे  देखकर
अनजाने मे ही
हवा मे हाथ हिलाते क्यू नही ,

दिल मे रखना चाहते हे  तुमको
हमे अपने माथे का तिलक  बनाते क्यू नही ,

एक बार हमे आजमाते क्यू नही |
ashokbamniya.blogspot.com

What Next ?

What next,
When one fade up with oneself.


All genuine hopes die

And leaves the mind empty,
But not empty.


At that time one's mind 

With full  confusion and
Many conclusions.


Unable to pick the shining most.



This is the state of balance 

But unbalanced.


What Next??



उसके आगे जाने क्या होता होगा,

जब सारी इच्छाए मर जाती होगी??

साथी

अब जब तुम आते नहीं 
लोग गाते नहीं 
गुनगुनाते नहीं 
और महफ़िलो मे रंग भी नहीं चढ़ता 

अब जो तुम मुस्कुराते नहीं 
इठलाते नहीं 
बलखाते नहीं 
नाचते नहीं 
नचाते नहीं 
तो अब महफ़िलो मे रंग भी  चढ़ता 

हमसे बतियाते नहीं 
सुनते भी नहीं 
सुनाते भी नहीं 
कहते भी नहीं 
कहलवाते भी नहीं 
तो अब महफ़िलो मे रंग भी नहीं चढ़ता 

झूलते भी नहीं 
झुलाते भी नहीं 
सोते भी नहीं 
सुलाते भी नहीं 

रोते भी नहीं 
रुलाते भी नहीं 
तो अब महफ़िलो मे रंग भी नहीं चढ़ता | 



अंजाम

गर्दिशे मोहब्बत मुझे किस मुकाम पर लायी है 
आँसू मेरे छलक उठे 
और 
उनके होंठो पर हँसी उठ आयी है | 

दिन मेरे आजकल कटते नहीं

किसे सोचु मै  दिन को 
ये दिन मेरे आजकल कटते  नहीं 
किसे पुछु मै अब यहां 
ये सवाल मेरे मेरी राह पर चलते नहीं 

तु कौन है 
क्या है तेरा ठिकाना 
तुझे कहा  पाऊ 
की दिन मेरे आजकल कटते नहीं 

माना  तु  मेरे ख्यालों में कही बसी है 
हां मै ये भी मानता हु 
कि तु मेरे सवालों में कही रमी है 

फिर सोचता हु 
क्यू मुझे तेरी कमी है 
कि दिन मेरे आजकल कटते नहीं 

सोच में तुझे कही बसा लु अपने 
सवालो  में कही तुझे छुपा लु अपने 
कि कही पता जमाने को लग ना जाए 
कि तुझ बिन 
दिन मेरे आजकल कटते  नहीं |