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रक्षाबंधन

आज फिर वो बचपन वाला दिन आ गया
कल रात वो सारी शरारते
मेरी आंखो से गुजर गयी
वो लकडी का घोडा
जो पापा लाये थे मेले से
उस पर तेने हक जमाया था
बालो को मेरे खीचा था
मुझे रुलाया था
मेरी आंखो के पानी से
तेरी आंखे भी भर आयी थी
अपना घोडा मुझे दे
तूने थोडा चैन पाया था
पर मे यहा क्हा रुकने वाली थी
मेने भी चिल्ला-चिल्ला कर
घर सारा सिर पर उठाया था
मारे डर के
तु भाग कर पास वाली दुकान से
मुझे चुप कराने को 
रुपये वाली चोक्लट लाया था
घोडा भीले लिया
चोक्लेट भी खा ली
फिर भी तुझे
मम्मी से पिटवाया था
कल रात वो सारी सरारते
मेरी आंखो से गुजर गयी
इस साल मेने
एक नया प्लान बनाया है
तु मुझे भूल ना पाये
इसलिये
मिठाइया दो बनायी है
एक मे नमक मिलाया है
जो तुझे पहले खिलाउन्गी
और
दुसरी मे चीनी मिलायी है 
राखी भी खुद रेशम के धागे से बनायी है
और
इस बार तो इत्वार भी है |

ये वाला रक्षाबंधन तुझे महीने भर तक याद रहेगा|
हा भाइ ऐसा भी होता है|

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