Observe human life aspects. Life philosopher. A poet. Writer And mathematics lover. जिन्दगी , मेरी जान और तुम से बढकर कोई हसरत नही मेरी| आप का आपसे सँवाद हे जिन्दगी | बात दिल की आँखो से बया कर , लफ्जो से शिकायत ना कर | जमाना सारा तेरी मोहब्बत मे तेरा अखबार हो गया | Creator -© Ashok Bamniya
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आवाज
धडक दिल शान्त क्यू नही रहता
सुनाई दे रहा हे मुझे पर कोई आवाज क्यू नही देता
क्या गिला हे मुझसे,
जो तुम यू खामोश बैठे हो
कुछ तो हुआ जरुर हे,
पर मुझे दिखाई क्यू नही देता
देखी थी एक शिकन , नही दरार
अब खाइ का रुप ले चूकी
मेने क्हा , कुछ कहू
छोडो जो हुआ सो हुआ
उसने कहा न जाने मुझे सुनाई कुछ क्यू नही देता |
@Ashok Bamniya